रोहित शर्मा टेस्ट क्रिकेट को बचाना चाहते थे, लेकिन इस शख्स की वजह से लिया था संन्यास!

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट में उस वक्त भूचाल आ गया जब रोहित शर्मा और विराट कोहली ने इस साल इंग्लैंड दौरे से ठीक पहले टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। दोनों ने एक साथ घोषणा की और क्रिकेट जगत हैरान रह गया। अब पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने जो खुलासा किया है, वह सुनकर हर फैन का दिल दहल जाएगा। मनोज ने साफ-साफ कहा है कि दोनों दिग्गज टेस्ट क्रिकेट को बचाना चाहते थे, उसकी पवित्रता को बनाए रखना चाहते थे, लेकिन टीम के अंदर का माहौल इतना खराब कर दिया गया कि उन्हें पीछे हटना ही पड़ा।

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मनोज तिवारी ने इंडिया टुडे से खास बातचीत में यह सनसनीखेज दावा किया है। उनका कहना है कि रोहित और विराट को “बदलाव” के नाम पर जबरदस्ती बाहर का रास्ता दिखाया गया, जबकि दोनों खिलाड़ी अभी भी टेस्ट क्रिकेट में देश की सेवा करने को तैयार थे।

मनोज तिवारी ने क्या कहा?

मनोज तिवारी ने बिल्कुल साफ शब्दों में कहा, “मैं इस पूरे बदलाव वाली बात से बिल्कुल सहमत नहीं हूं। भारत को बदलाव की कोई जरूरत नहीं है। बदलाव की बात न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे जैसे देश करते हैं। हमारे यहां तो घरेलू क्रिकेट इतना मजबूत है कि एक से एक बेहतरीन खिलाड़ी लाइन में खड़े हैं। बस मौका चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, “लेकिन इस अनावश्यक बदलाव के चक्कर में हमारे दो सबसे बड़े सितारे – विराट कोहली और रोहित शर्मा – जिन्हें टेस्ट क्रिकेट से बेहद प्यार था, जो इस प्रारूप को बचाना चाहते थे, जिन्हें इसकी पवित्रता सबसे प्यारी थी, उन्हें ही पीछे धकेल दिया गया। उनके आसपास ऐसा माहौल बना दिया गया कि रहना मुश्किल हो गया। वे जाना नहीं चाहते थे, मजबूर किया गया।”

मनोज का यह बयान इसलिए भी ज्यादा वजन रखता है क्योंकि वे खुद लंबे समय तक घरेलू क्रिकेट खेलते रहे हैं और ड्रेसिंग रूम की सच्चाई को करीब से देखा है।

गंभीर पर निकाली भड़ास

मनोज तिवारी ने टीम के हेड कोच गौतम गंभीर पर भी सीधा हमला बोला। गंभीर ने दक्षिण अफ्रीका से पहले टेस्ट में हार के बाद बल्लेबाजों की स्पिन खेलने की तकनीक को जिम्मेदार ठहराया था। मनोज को यह बात बिल्कुल हजम नहीं हुई।

उन्होंने कहा, “हार के बाद आप खिलाड़ियों की तकनीक पर उंगली उठाएंगे? कोच का काम सिखाना है, आरोप लगाना नहीं। अगर डिफेंस कमजोर है तो मैच से पहले प्रैक्टिस क्यों नहीं कराई? गंभीर खुद अपने समय में स्पिन के बहुत अच्छे खिलाड़ी थे। उन्हें तो और ज्यादा जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी कि खिलाड़ियों को सिखाएं। बस बहाना बनाया जा रहा है। नतीजे सबके सामने हैं।”

मनोज ने यह भी कहा कि टीम में इस समय जिस तरह का माहौल है, उसमें कोई भी बड़ा खिलाड़ी लंबे समय तक टिका नहीं रह सकता। यही वजह है कि रोहित और विराट जैसे महान खिलाड़ी भी चले गए।

टीम पर दबाव, फैंस में गुस्सा

इस समय भारतीय टीम हर तरफ से आलोचनाओं की शिकार है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहला टेस्ट बुरी तरह हारने के बाद फैंस में जबरदस्त गुस्सा है। अब शनिवार से गुवाहाटी में दूसरा टेस्ट शुरू हो रहा है। पूरी टीम पर दबाव है कि किसी भी कीमत पर जीत हासिल कर सीरीज 1-1 से बराबर की जाए।

लेकिन सवाल यह है – क्या सिर्फ जीत से सब कुछ ठीक हो जाएगा? या ड्रेसिंग रूम के अंदर का जहर साफ करना होगा? मनोज तिवारी का बयान यही बता रहा है कि असली समस्या बाहर नहीं, अंदर है। अगर रोहित और विराट जैसे खिलाड़ी भी सुरक्षित महसूस नहीं कर पाए, तो बाकी खिलाड़ी कैसे खेलेंगे?

फिलहाल तो पूरा देश दूसरे टेस्ट का इंतजार कर रहा है। लेकिन मनोज तिवारी के इस खुलासे ने हर फैन को सोच में डाल दिया है कि आखिर हमारी टीम के साथ हो क्या रहा है?