Vaibhav Suryavanshi-14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास, राष्ट्रपति से मिला सबसे बड़ा बाल सम्मान

मयंक त्रिगुण, ब्यूरो चीफ

Vaibhav Suryavanshi-नई दिल्ली। बिहार के युवा क्रिकेट सनसनी वैभव सूर्यवंशी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा गया है। ये अवॉर्ड देश में 5 से 18 साल के बच्चों के लिए सबसे बड़े नागरिक सम्मानों में से एक माना जाता है। वैभव को ये सम्मान खेल के क्षेत्र में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मिला है।

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खेल में असाधारण योगदान के लिए मिला सम्मान

वैभव सूर्यवंशी सिर्फ 14 साल के हैं, लेकिन उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में तहलका मचा रखा है। हाल ही में विजय हजारे ट्रॉफी में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ महज 36 गेंदों पर शतक ठोककर उन्होंने लिस्ट ए क्रिकेट में सबसे कम उम्र में सेंचुरी बनाने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। ये कारनामा देखकर क्रिकेट फैंस हैरान रह गए। वैभव की बल्लेबाजी इतनी विस्फोटक थी कि उन्होंने न सिर्फ सेंचुरी लगाई, बल्कि रिकॉर्ड्स की झड़ी लगा दी।

इस सम्मान समारोह में वैभव के साथ अन्य पुरस्कार विजेता बच्चे भी मौजूद थे। राष्ट्रपति ने सभी को बधाई दी और कहा कि ऐसे प्रतिभाशाली बच्चे देश का भविष्य हैं। वैभव की ये उपलब्धि बिहार के लिए गर्व की बात है। छोटी उम्र में इतना बड़ा सम्मान मिलना आसान नहीं होता, लेकिन वैभव ने अपनी मेहनत और टैलेंट से साबित कर दिया कि उम्र सिर्फ एक नंबर है।

पीएम मोदी से भी हुई मुलाकात

समारोह के बाद वैभव सूर्यवंशी और बाकी पुरस्कार विजेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। पीएम मोदी ने बच्चों से बातचीत की और उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। वैभव के लिए ये पल यादगार बन गया। उन्होंने खुद को इतने बड़े मंच पर देखकर खुशी जाहिर की। फैंस सोशल मीडिया पर वैभव की तारीफ कर रहे हैं और कह रहे हैं कि ये लड़का आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट का बड़ा सितारा बनेगा।

मैच मिस करने की वजह बना ये सम्मान

इस राष्ट्रीय सम्मान समारोह में शामिल होने की वजह से वैभव आज (26 दिसंबर 2025) विजय हजारे ट्रॉफी में बिहार के मैच नहीं खेल पाए। बिहार की टीम मणिपुर के खिलाफ मैदान पर उतरी, लेकिन वैभव दिल्ली में थे। हालांकि, फैंस को कोई गम नहीं, क्योंकि वैभव ने जो सम्मान हासिल किया है, वो मैच से कहीं ज्यादा बड़ा है।

वैभव की कहानी प्रेरणा देने वाली है। बिहार जैसे राज्य से निकलकर इतनी छोटी उम्र में विश्व रिकॉर्ड तोड़ना और राष्ट्रपति से सम्मान पाना – ये सब सपनों जैसा लगता है। लेकिन वैभव ने इसे हकीकत बना दिया। क्रिकेट प्रेमी अब इंतजार कर रहे हैं कि वैभव कब बड़ा मुकाबला खेलते हुए नजर आएंगे। बिहार का ये लाल पूरे देश का गर्व बन चुका है।

वैभव जैसे युवा खिलाड़ी देखकर लगता है कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य बहुत 밝ा है। उनकी बल्लेबाजी की स्टाइल, कॉन्फिडेंस और रिकॉर्ड्स देखकर बड़े-बड़े दिग्गज भी तारीफ कर रहे हैं। उम्मीद है कि वैभव आगे और भी ऊंचाइयों को छुएंगे। बधाई हो वैभव, तुमने बिहार और पूरे देश का नाम रोशन किया!