kartik sharma struggle story-पिता ने दुकान बेची, 27 लाख कर्ज लिया… बेटा कार्तिक शर्मा बना 14.20 करोड़ का IPL स्टार, रुला देगी इनकी कहानी

kartik sharma struggle storyभरतपुर। IPL 2026 के मिनी ऑक्शन में राजस्थान के भरतपुर जिले के युवा क्रिकेटर कार्तिक शर्मा ने सबको चौंका दिया। पांच बार की चैंपियन टीम चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने उन्हें 14 करोड़ 20 लाख रुपये की बड़ी बोली लगाकर अपनी टीम में शामिल कर लिया। यह बोली अनकैप्ड प्लेयर्स के लिए रिकॉर्ड बन गई। खबर आते ही भरतपुर में खुशी की लहर दौड़ गई और पूरे जिले में गर्व का माहौल छा गया।

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कौन हैं कार्तिक शर्मा?

कार्तिक शर्मा भरतपुर के एक साधारण परिवार से आते हैं। उनके पिता मनोज शर्मा ट्यूशन पढ़ाकर घर चलाते थे। मां आशा सहयोगिनी हैं। कार्तिक ने बचपन से ही क्रिकेट में रुचि दिखाई और जिला क्रिकेट संघ से जुड़कर अंडर-14, अंडर-16, अंडर-19, सीनियर स्तर और रणजी ट्रॉफी तक शानदार खेल दिखाया। वे विकेटकीपर-बैट्समैन हैं और लंबे-लंबे छक्के मारने में माहिर हैं।

क्या हुआ IPL ऑक्शन में?

अबु धाबी में हुए IPL 2026 मिनी ऑक्शन में कार्तिक की बेस प्राइस सिर्फ 30 लाख थी। लेकिन मुंबई इंडियंस, लखनऊ, कोलकाता और सनराइजर्स के बीच जोरदार बोली चली। आखिर में CSK ने 14.20 करोड़ में उन्हें खरीद लिया। यह बोली सभी को हैरान कर गई, क्योंकि उम्मीद सिर्फ 6-7 करोड़ तक की थी। कार्तिक अब महेंद्र सिंह धोनी की टीम में खेलेंगे।

कब और कहां हुआ यह सब?

यह सब 16 दिसंबर 2025 को अबु धाबी में IPL मिनी ऑक्शन के दौरान हुआ। जैसे ही बोली फाइनल हुई, खबर भरतपुर पहुंची तो शहर के लक्ष्मण मंदिर चौराहे पर जश्न शुरू हो गया। लोग आतिशबाजी कर रहे थे और मिठाइयां बांट रहे थे।

कैसे पहुंचे कार्तिक इतनी ऊंचाई तक?

कार्तिक का सफर आसान नहीं था। बचपन से जिला क्रिकेट संघ के संपर्क में रहे। IPL ट्रायल्स में उनका खेल सबको पसंद आया। वे भारत में सबसे ज्यादा छक्के मारने वाले प्लेयर्स में गिने जाते हैं। मथुरा दास मथुरा अवॉर्ड भी मिल चुका है। उनका स्ट्राइक रेट 160 से ज्यादा रहा है।

क्यों इतनी बड़ी बोली और परिवार का संघर्ष?

जिला क्रिकेट संघ के सचिव शत्रुधन तिवारी ने बताया कि कार्तिक गरीब परिवार से हैं। IPL तक पहुंचना आसान नहीं था। पिता मनोज शर्मा ने बेटे के क्रिकेट के लिए अपनी दुकानें बेच दीं और करीब 27 लाख रुपये का कर्ज ले लिया। मां ने भी हर कदम पर साथ दिया। पिता ने नौकरी छोड़कर कार्तिक को ट्रेनिंग दी। कई बार पैसे की तंगी में रेन बसेरे में सोना पड़ा और भूखे पेट रात गुजारनी पड़ी। लेकिन सपना नहीं टूटने दिया। आज यह सफलता पूरे परिवार और भरतपुर के लिए प्रेरणा बन गई है।

जश्न में भावुक हुए कार्तिक और पिता

जश्न के दौरान कार्तिक और उनके पिता को वीडियो कॉल पर बधाई दी गई। दोनों भावुक हो गए। कार्तिक ने कहा कि धोनी के साथ खेलना सपना सच होने जैसा है। पिता ने सभी का शुक्रिया अदा किया। शत्रुधन तिवारी ने कहा, “यह सफलता सैकड़ों युवाओं को मोटिवेट करेगी। कार्तिक ने साबित कर दिया कि मेहनत और संघर्ष से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।”

यह कहानी सिर्फ एक क्रिकेटर की नहीं, बल्कि एक परिवार के बलिदान और सपनों की है। कार्तिक शर्मा ने न सिर्फ अपना, बल्कि पूरे भरतपुर का नाम रोशन कर दिया। अब सबकी नजरें IPL 2026 पर होंगी, जब कार्तिक पीली जर्सी में धोनी के साथ मैदान पर उतरेंगे।