Mohali Kabaddi Player Shot–मोहाली, पंजाब: खेल के मैदान को अकसर उत्सव और जोश का प्रतीक माना जाता है, लेकिन बीते सोमवार (15 दिसंबर 2025) को पंजाब के मोहाली में एक कबड्डी टूर्नामेंट के दौरान जो कुछ हुआ, उसने पूरे खेल जगत को हिलाकर रख दिया है। सोहाना में चल रहे ‘सोहना कबड्डी कप’ के ठीक पहले, मशहूर कबड्डी खिलाड़ी और प्रमोटर राणा बालाचौरिया (Rana Balachauria) को अज्ञात हमलावरों ने दिनदहाड़े गोली मार दी। यह घटना इतनी चौंकाने वाली थी कि हजारों दर्शकों से भरे मैदान में अफरा-तफरी मच गई। राणा बालाचौरिया को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पंजाब में बढ़ती गैंग-वॉर की वारदातों के बीच, इस सनसनीखेज ‘टारगेट किलिंग’ ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
राणा बालाचौरिया की हत्या ने न केवल उनके परिवार को, बल्कि पंजाब के पूरे खेल समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है। यह वारदात पंजाब में एथलीटों की सुरक्षा को लेकर एक डरावनी तस्वीर पेश करती है, जहां अब खेल के मैदान भी सुरक्षित नहीं रहे। पुलिस के अनुसार, इस हमले के पीछे की साजिश गहरी है और जांच को विभिन्न कोणों से आगे बढ़ाया जा रहा है।
कबड्डी स्टार कौन थे?
यह भयावह घटना जिस व्यक्ति के साथ हुई, वह थे राणा बालाचौरिया। वह केवल एक खिलाड़ी नहीं थे, बल्कि कबड्डी के एक लोकप्रिय प्रमोटर भी थे, जो पंजाब के अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सक्रिय थे। उनकी पहचान खासकर कनाडा जैसे देशों में थी, जहां वह अक्सर कबड्डी टूर्नामेंटों में भाग लेते और उनका आयोजन करते थे। उनका मुख्य उद्देश्य युवा प्रतिभाओं को पहचान दिलाना और कबड्डी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देना था। उनके अचानक निधन से कबड्डी जगत में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है। उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल पर भी उनकी सगाई और कबड्डी से जुड़ी तस्वीरें भरी हुई हैं, जो दिखाती हैं कि वे अपने खेल के प्रति कितने समर्पित थे।
हमलावर 2 से 3 की संख्या में थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया कि वे कथित तौर पर एक काले रंग की बोलेरो (Bolero) गाड़ी में सवार होकर आए थे। यह वही जानकारी है जो पुलिस को शुरुआती जांच में मिली है, लेकिन कुछ चश्मदीदों ने यह भी बताया कि हमलावर वारदात को अंजाम देने के बाद एक मोटरसाइकिल पर फरार हुए। हमलावरों की पहचान अभी तक उजागर नहीं हुई है, लेकिन पुलिस का मानना है कि इसके पीछे व्यक्तिगत दुश्मनी या संगठित गिरोह की साजिश हो सकती है। पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस ने तत्काल मामले की जांच शुरू की और दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ने का आश्वासन दिया है।
कैसे हुआ ‘मौत का खेल’?
यह घटना ‘सोहना कबड्डी कप’ टूर्नामेंट के आयोजन स्थल पर हुई। राणा बालाचौरिया अपनी टीम के साथ मैच में हिस्सा लेने के लिए मैदान पर पहुंचे थे। उनकी लोकप्रियता इतनी थी कि जब वह पहुंचे, तो कई प्रशंसक उनके पास जमा हो गए। पुलिस और चश्मदीदों के बयानों के अनुसार, हमलावरों ने इसी भीड़ का फायदा उठाया और बड़ी चालाकी से वारदात को अंजाम दिया।
शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि बदमाशों ने पहले राणा के पास जाकर सेल्फी क्लिक करने की मांग की। यह एक ऐसी रणनीति थी, जिस पर किसी को शक नहीं होता। राणा बालाचौरिया ने शायद उन्हें प्रशंसक समझा और रुक गए। इसी पल का फायदा उठाकर हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। राणा के सिर और चेहरे पर कई गोलियां लगीं, जिससे वह वहीं गिर पड़े और देखते ही देखते चारों तरफ खून फैल गया। हमले के दौरान हमलावरों ने दर्शकों में और खौफ पैदा करने के लिए हवा में भी कई राउंड फायरिंग की, जिससे वहां भगदड़ मच गई। एक चश्मदीद ने बताया कि पहले उन्हें लगा कि कोई पटाखे फोड़ रहा है, लेकिन जब राणा जमीन पर गिरे, तो डर का माहौल बन गया।
कब और कहाँ हुई वारदात?
यह दर्दनाक वारदात सोमवार, 15 दिसंबर 2025 को शाम के वक्त हुई, जब सोहाना में चल रहा चार दिवसीय कबड्डी टूर्नामेंट अपने चरम पर था और मैदान दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था।
घटनास्थल: मोहाली के सोहाना स्थित बेडवान स्पोर्ट्स क्लब का ग्राउंड। बताया गया है कि घटना उस वक्त हुई, जब टूर्नामेंट के मुख्य अतिथि और डीएसपी स्तर के अधिकारी वहां से निकल चुके थे। कुछ ही देर बाद, शाम के मैचों में पुरस्कार देने के लिए एक मशहूर पंजाबी गायक भी आने वाले थे, जिससे मैदान पर भीड़ और माहौल गरमाया हुआ था। ऐसे हाई-प्रोफाइल इवेंट के दौरान, जब सुरक्षा के कड़े इंतजाम होने चाहिए थे, खुलेआम गोलीबारी की इस घटना ने पुलिस प्रशासन की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हत्या के पीछे की साजिश क्या?
हमलावरों ने पूरी योजना बनाकर इस वारदात को अंजाम दिया। वे बोलेरो या बाइक पर आए, राणा के करीब पहुंचे, सेल्फी का बहाना बनाया और गोलियां दागकर तुरंत फरार हो गए। इस सुनियोजित हमले ने यह साबित कर दिया कि राणा बालाचौरिया लंबे समय से निशाने पर थे।
पुलिस ने अभी तक किसी गिरोह या व्यक्तिगत दुश्मनी की पुष्टि नहीं की है, लेकिन पंजाब के खेल जगत में यह खुला रहस्य है कि बड़े कबड्डी टूर्नामेंटों और लीगों के पीछे अक्सर बड़े दांव और गिरोहों का पैसा लगा होता है। कुछ हाई-प्रोफाइल मामलों में लॉरेंस बिश्नोई गैंग जैसे कुख्यात गिरोहों ने भी जिम्मेदारी ली है। यह आशंका जताई जा रही है कि राणा बालाचौरिया की हत्या के पीछे भी कोई पुरानी रंजिश या प्रमोटरों के बीच चल रही वर्चस्व की लड़ाई हो सकती है।
पुलिस सभी कोणों से जांच कर रही है, जिसमें यह पता लगाना भी शामिल है कि क्या उन्हें हाल ही में कोई धमकी मिली थी। एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस ने बताया कि वे सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल्स के आधार पर हमलावरों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले में ‘बोलेरो सवार’ संदिग्धों को पकड़ने के लिए पूरे मोहाली और आसपास के जिलों में नाकेबंदी कर दी गई है। यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि पंजाब के खेल मैदानों पर मंडरा रहे संगठित अपराध के खतरे की एक भयावह चेतावनी है, जिस पर सरकार को तुरंत ध्यान देने की जरूरत है ताकि राज्य में एथलीट सुरक्षित महसूस कर सकें।
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